तेरी इन आँखों में डूबने को दिल चाहता है ....
वक़्त न निकल जाए ,
इस समुन्दर में बहने को दिल चाहता है …
रूह से निकली आवाज़ की सुने तो ,
ख्वाबों को जीने का दिल चाहता है ....
कमज़ोरी को गले लगाये तो ,
शोरगुल में भी सन्नाटा सा छा जाता है …
अजब सा जूनून है इस तनहा मन में ,
अजब सा है ये एहसास ....
उलझन में फसा हुआ हूँ में एक मुसाफिर ....
कोई राह दिखाए तो ,
प्यार करने को भी दिल चाहता है …
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