Sunday, 31 January 2016

क्या हर कहानी अधूरी होती है ??


हर कहानी अधूरी नहीं होती  .... 
कभी किस्सों से भरी होती है  ..... 
तो कभी कोरे कागज़ की तरह  .... 
पर फिर भी कुछ कहती है  ... 
जो शब्दों में बयां न होती है  .... 
कभी कुछ गहराइयों से भरी होती है  .... 
मगर सच कहे तो हर कहानी अधूरी नहीं होती है   ... 
कभी ख़ुशी के पल संजोके रखती है  .... 
तो कभी मन की बातें छुपाके रखती है  .... 
कहे जाने से न जाने क्यों कतराती है  .... 
अधूरी हो या न हो  ... 
पर फिर भी न जाने क्यों ये तन्हाई के समन्दर में बही जाती है  ....
बातें बहुत बनाती है  ... 
किस्से बहुत सुनाती है  ... 
पर सच कहे तो हर कहानी अपने अंदर एक ख़ामोशी को अपनाती है  ... 
अधूरी हो या न हो  ...
पर फिर भी ये कहानी सच्चाई का आइना दिखाती है  ....

Wednesday, 6 January 2016

Those days were the days...




Those days were so ugly,
Those days were so numb.
Those days of past and future,     
Those days of sheer boredom.
Those days of serious madness,    
Those days of less fun.
Those days of pain and tantrums,
Those days of unwanted attention.    
Those days were so lonely,
Those days were so random.
Those days were the days,
When I first saw myself awesome,
Because those were the days,
When I learnt more about life and freedom.