Friday 16 March 2012

Yaadein !!


यादों को लेके बहुत दूर चला आया हूँ ..
वक़्त को पीछे छोड़ बहुत दूर चला आया हूँ ..
अब काटे ये वक़्त कटता नहीं उन सपनो को छोड़ बहुत दूर चला आया हूँ.. 
बचपन से जिनके साथ रहा अब उन्हें भी छोड़ बहुत दूर चला आया हूँ ..
याद तो भुला नही सकता पर फिर भी याद कर रहा हूँ ...
न जाने वो दिन कब लौटेंगे जब सब साथ मिलेंगे और उन यादों को हकीकत में बदलेंगे..
वो ज़िन्दगी के हर मोड़ पे जुड़े दोस्तों को कौन भुलायेगा जिनके साथ हर लम्हा जिया था ...
वो रिश्ता रखे न रखे पर उनकी दोस्ती को ज़हन से कैसे निकलूं, जिनके साथ मस्ती भरे पल  बिताये थे ..
अकेले रहने की आदत नही थी और अब सबसे अकेला हो गया हूँ..
पुरानी बातों को सोचके रोऊँ  या हंसूं ..
इस कशमोकश में कैसे नयी पहल करूँ ..
उम्मीद में रहता हूँ की फिरसे सब मिले और नयी शुरुआत करे ..
पुरानी यादों को संजो के रखे और नयी यादें बनाये ..
बस सब साथ दे तो वापस से पुराना  आशियाँ सजाये ...

Sunday 4 March 2012

Rendezvous with dreams!!




Time has changed,
Work has changed.
But still the heart behaves in the same way as it did in childhood.

Free me like a bird to fly on my own,
Childhood was best, god let me be its part again.
Rendezvous with dreams is just a request of mine,
Approving it is in the hands of bright sunshine(God).
So make me happy and turn on my mood,
I am your child so always feel good.

आँखों की ख़ामोशी !!


कुछ कम सा लग रहा है आज... 
कुछ आँखों में नमी सी है ...
ना जाने इतनी खुशियों के बाद... 
अब जाने क्या कमी सी है ...
रात रात भर अब लगता है मानो... 
सपने रूठ गए हैं हमसे ...
ना नींद का ठिकाना है अब... 
और ना जागने का बहाना ....
खोयी खोयी सी दुनिया में ...
अंजाना सा मुसाफिर बन गया हूँ ...
अब तो लगता है जैसे....
अपने आपसे ही झगड़ रहा हूँ... 
संभल जा तू ए दिल....
तुझसे है ये गुज़ारिश ...
दिमाग पे अब जोर नहीं रहा....
नहीं तो दिल को भी समझा लेते ...